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लेखनी प्रतियोगिता -15-Dec-2022- मेरे पिता

पिता...... क्या है बेटी के लिए...


बेटी की पहचान है,
उसका अभिमान है,
हौंसलों की उड़ान है।

तपती राह पर पेड़ की छाया है,
हर कदम साथ चलता साया है।

पथरीले रास्ते पर बिछा गुलाब है,
जिंदगी के सवालों का जवाब है।

लड़खड़ाते कदमों की चाल है,
मुसीबतों से बचाती ढाल है।

खुली आंखों में देखा सपना है,
सारे जहां में सबसे अपना है।

पिता ही बेटी का वजूद है,
उसकी हर सांस में मौजूद है।



             *****Samridhi Gupta रसम*****


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4 Comments

बहुत ही सुंदर सृजन

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Abhinav ji

16-Dec-2022 08:18 AM

Very nice👏👏

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Sachin dev

15-Dec-2022 06:05 PM

Amazing

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